मध्याह्न भोजन योजना के सफल क्रियान्वयन के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश
Very important instructions regarding successful conduction of Mid Day Meal

01 रसोईघर की आवश्यक र्रोप से साफ़ सफाई करवाया जाना सुनिश्चित करें.
02 पोषाहार पकाने के लिए उपयोग में ली जाने वाली सामग्री को जांच के उपरांत ही पकाने हेतु उपलब्ध करवाया जाये.
03 जल की नियमित जांच कर एवं छान कर ही भोजन पकाने में उपयोग किया जाये.
04 बालकों को पोषाहार प्रत्येक दिवस विभाग द्वारा निर्धारित मीनू के अनुसार ही एवं संस्थाप्रधान, कार्यरत स्टाफ व एसएमसी के सदस्य / अभिभावक के चखने के पश्चात् संतुष्ट होने पर ही वितरित किया जाये.
05 विद्यालय में उपलब्ध पानी की टंकी की नियमित रूप से सप्ताह में एक बार संस्थाप्रधान / प्रभारी स्वयं उपस्थित रह कर साफ़-सफाई करवाये एवं साफ़ करने की दिनांक आवश्यक रूप से टंकी पर अंकित की जाये.
06 टंकी की टोंटीयों से अनावश्यक रूप से रिसाव न हो अन्यथा अनावश्यक कीचड़ से गन्दगी फैलती है.
07 पानी की टंकी पूर्णतया ढंकी हुई हो तथा टाला लगा हुआ होना चाहिए.
08 बच्चों को MDM साफ़ सुथरे स्थान पर व साफ़ सुथरी दरी पट्टी पर पंक्तिबद्ध बिठा कर ही करवाया जाना सुनिश्चित करें
09 खाना बनाने एवं परोसने के बर्तन साफ़-सुथरे हों, एवं भगौने ढक्कनदार होने चाहिए.
10 पोषाहार के भंडारण की उचित व्यवस्था की जाए व इसमें किसी भी प्रकार के कीटनाशक या अन्य दवाइयों का प्रयोग नहीं किया जाये.
11 अन्नपूर्णा दुग्ध योजना के अंतर्गत उपलब्ध करवाया जाने वाला दूध मार्गदर्शिका के अनुसार व पाश्चुरीकृत हो और इसकी जांच प्रतिदिन लेक्तोमीटर से की जाये.
12 दूध को अच्छी तरह उबालकर व ठंडा करने के पश्चात् ही संस्थाप्रधान / अध्यापक / SMC सदस्य / अभिभावकों द्वारा चख कर संतुष्ट होने पर ही वितरित किया जाये.
13 विद्यार्थियों को दिया जाने वाला पोषाहार विभागीय निर्देशानुसार व मानदंडानुसार ही बनवाया जाये. दाल-ढोकली व कढी नहीं बनायी जाये.
14 यदि विद्यार्थियों द्वारा पोषाहार खाने के बाद स्वास्थ्य की दृष्टि से किसी तरह की शिकायत की जाती है तो इसे गंभीरता से लेते हुए तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाएं साथ ही SMC सदस्य / PEEO / CBEO व अन्य उच्च अधिकारियों को तुरंत सूचना दें ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके.
15 पोषाहार तथा अन्नपूर्णा दुग्ध योजना का समय-समय पर SMC सदस्य व अभिभावकों को आमंत्रित कर समस्त व्यवस्थाओं का अवलोकन सुनिश्चित करवायें.
16 सप्ताह में एक दिन ताजा व मौसमी फलों का वितरण आवश्यक रूप से किया जाना सुनिश्चित करें.
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